शौर्य की प्रतिमूर्ति
शिवानी जैन एडवोकेटbyss
झलकारी बाई, शौर्य की प्रतिमूर्ति, साहस का अनुपम उदाहरण,
उसकी रगों में बहता था, आज़ादी का पावन कारण।
कम उम्र में ही उसने दिखलाया, वीरता का अद्भुत नज़ारा,
अपनी हिम्मत और जज़्बे से, बदल दिया था हर धारा।
घोड़े की पीठ पर वो ऐसे चढ़ती, जैसे हो हवा का झोंका,
तलवार जब उठाती तो दुश्मन का, कलेजा भी था चौका।
उसकी फुर्ती, उसकी चालाकी, रण में कमाल दिखाती थी,
अंग्रेजों की हर चाल को वो, पल भर में निष्फल बनाती थी।
वो नारी शक्ति का प्रतीक थी, अबला होकर भी सबला थी,
अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से उसने, हर मुश्किल को ठुकरा दी थी।
उसकी वीरता की चर्चा आज भी, हर जुबां पर है जारी,
शौर्य की ऐसी देवी पर, बलिहारी है ये दुनिया सारी।
उसकी कहानी प्रेरणादायक है, हर उस नारी के लिए,
जो अपने हक के लिए लड़ना चाहे, हर चुनौती के लिए।
शौर्य की उस प्रतिमा को, हम सब मिलकर करें प्रणाम,
झलकारी बाई तेरा नाम, रहेगा युगों-युगों तक अविराम।
शौर्य की यह गाथा, हमें सिखाती है जीना,
अन्याय के आगे कभी भी, नहीं है झुकना।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




