हम ये धरती में पैदा हुए फिर बड़े हुए
उसके बाद अपने पैरों पर खड़े हुए
जब तक हम सभी जीवित हैं रहेंगे यहां
मगर मर कर जाएंगे फिर हम कहां ?
ये विषय हमेशा हमको करता रहता भ्रमित है
पर हमारा शरीर जल वायु अग्नि पृथ्वी आकाश से निर्मित है
इसीलिए जब मरेंगे तब देखेंगे चिंता फिकर छोड़ों यार
दुश्मनी और नफरत छोड़ प्यार से रहो प्यार में आगे बढ़ो यार
दुश्मनी और नफरत छोड़ प्यार से रहो प्यार में आगे बढ़ो यार......
----नेत्र प्रसाद गौतम