माया मोह छोड़ देने को वही कहते जो डूबे है।
दान पेटी रखते सामने गुलामी जैसे मनसूबे है।।
इंसानों को बांट कर पाखंड फैलाना खूब जाने।
पाखण्ड के जगह जगह पूजा अर्चना के सूबे है।।
भावना से खेलना और कुरीतियों पर जोर देना।
प्रचारतंत्र में उलझाने के तरीके बेहद जहरीले है।।
राज करना चाहते 'उपदेश' लड़ाने के तरीके से।
समझदारी न आ जाए इस तरह के मनसूबे है।।
शिक्षा महंगी करके आधिकारिक जीत पा ली।
महंगाई बढ़ाकर जाहिर उनके कातिल मनसूबे है।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद