भ्रष्टाचारियों की रेल, पलट जाएगी।
वक्त ने करवट बदली, खाई में गिर जाएगी।
बुलडोजर वाले बाबा, जरा नजर इधर भी डालो।
इन भ्रष्टाचारियों की दुकान को, उजाड़ भी डालो।
सरकारी कार्यालय से, प्राइवेट कर्मी।
कर रहे हैं, सरकारी दस्तावेजों को गायब।
आप समाधान की कहते हो, भ्रष्टाचारी लगाते हैं पलीता।
आपकी छवि को करके धूमिल,
दबंगई दिखाकर, नहीं जीने देता।
खाते में जमा करा कर शुल्क , रसीदें नहीं देता।
सरकारी कमाई के साथ-साथ, ऊपरी इनकम भी कर लेता।
अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए, कमीशन भी ले लेता।
जांचों में करता सहयोग, आधा तेरा आधा मेरा।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




