बेख़ौफ़ - डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
सत्ता का नशा,
चढ़ा सिर पर।
अहंकार का बांध टूटा,
बेखौफ होकर करते अपराध।
कानून को ठेंगा दिखाया,
जांच एजेंसियाँ सोई हुईं।
सत्ता के आगे,
सब झुक जाते हैं।
सच को,
दबाने की कोशिश में।
झूठे साक्ष्य ,
गढ़ते जाते हैं।
मीडिया भी,
चुप रहता है।
सच को,
उजागर नहीं करता।
देश की जनता,
मूक दर्शक।
न्याय के लिए,
तरसती रहती।