कुछ भली कहेंगे तो कुछ बुरी कहेंगे
पीठ पीछे आपकी सब बातें करेंगे
लोग शातिर हैं बड़े सामने झुक जायेंगे
आपके दुश्मन को वे सजदा करेंगे
भीड़ में शामिल हैं मुजरिम भेष बदलकर
इंसानियत के खूँ की साजिश करेंगे
खुद मेरी ही गोद से गिर गया बच्चा मेरा
वह रोये ना लोग यही कोशिश करेंगे
दुनिया में जब काफ़ी हैं आदमी की बस्ती
जंगल जानवरों को दास वापस करेंगे