जुबां पे नाम नहीं लेता तेरी
पर दिल में रट रहा हूं।
तुझे पाने की खातिर
मैं दिन रात खट रहा हूं।
भवरे की तरह तेरे आगे पीछे
मंडराता रहता हूं।
कहीं इस फ़ूल के रस को
कोई और ना चख ले
इसका ख्याल रखता हूं।
बेबाक हूं
पर बेशर्म नहीं।
किया है इश्क़ तुझसे
कोई पाप नहीं।
अरे इश्क़ से हीं तो
दुनियां कायम है।
तेरे प्यार में ओ मेरी हमदम
इश्क़ मेरा तो घायल है।
लगा दे तू इसमें तेरे प्यार का तड़का
बस प्यार का तो मज़ा हीं आ जाए।
जलने वाले जलते रहें
बस हम तुम पास आ जाएं..
बस हम तुम पास आ जाएं....