शुकराना ज़रूर करना
हर पल का शुकराना करना सीख जाना
ज़िन्दगी हर पल यही सीख देती है
तुम पैसा देकर जो काम करवाते हो
कोई वही पैसा अपना पल पल लगा कर कमाता है
ऊँचाई की कोई हद नहीं होती
पर ज़मीन से उपर हो इस बात का शुकराना ज़रूर करना
जरूरतों का क्या है प्रत्येक क्षण नई नई बनती ही रहती हैं
यौवन बीत जाता है इन्द्रियाँ शिथिल पड़ जाती हैं
किन्तु इच्छाएँ तरुणी होती ही रहती हैं
सुख दुख के व्यंजन तो बहुतों की थाली में परोसे जाते हैं
तुम उनको देखना जिनकी थाली खाली भी है
इसलिए अपनी थाली में ही संतोष मान शुकराना करते रहना ..
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




