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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

बरखा आयी रे..

धीमी धीमी बरसाते, झरने लगे निर्झर l
पासवाले पर्बतों पे, छाने लगे बादल ll
भीगी भीगी मिट्ठी से, उठने लगी खुशबू l
ठंडी ठंडी बूंदो में, होने लगे हम बेकाबू ll
हरे हरे वृक्षों से, टपकने लगी बुँदे l
गोल गोल घूमके, पकड़के हम खेले ll
होले होले पेड़ों से, गिरने लगे पत्ते l
दूर दूर क्षितिज पर, इन्द्रधनु लगा बनने ll
भीगे भीगे पंछियों की, पलके लगी मूंदने l
ऊँची ऊँची इमारतों में, आसरा लगे वह ढूँढने ll
गंदे गंदे पानी से, बहने लगे नाले l
लाल लाल नदियाँ, चलने लगी होले ll
सूर सूर गाड़ियाँ, उड़ाने लगी पानी l
धीरे धीरे चल गोरी, भीगेगी तेरी साडी ll
छोटे छोटे घरो में, पानी लगा भरने l
चाली चाली में पानी, लोग लगे दौड़ने ll
ऐसी ऐसी बारिश, कहीं ख़ुशी कहीं गम l
कैसी कैसी बारिश, कहीं धुँवाधार कहीं रिमझिम ll

✍️ प्रभाकर, मुंबई ✍️




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

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Shyam Kumar said

Bahut sundar..baarish pr to aapne bahut pyara nibandh likh dia. Sbdo ka khubsurat chayan. Baarish aai re...nacho gaao re.

Komal Raju said

अपने बूंद की बहुत सुंदर व्याख्या दी .बारिश के मौसम का हर किसी पर अलग-अलग असर है कोई खुश है तो कोई परेशान

प्रभाकर said

धन्यवाद श्यामजी और कोमलजी👏👏

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