बांसुरी के इतिहास में
उन कीड़ों का कोई जिक्र नहीं
जिन्होंने भूख मिटाने के लिए
बांसों में छेद कर दिए थे
और जब-जब हवा उन छेदों से गुजरती
तो बांसों का रोना सुनायी देता
कीड़ों को तो पता ही नहीं था
कि वे संगीत के इतिहास में हस्तक्षेप
कर रहे हैं
और एक ऐसे वाद्य का आविष्कार
जिसमें बजाने वाले की सांसें बजती हैं.
मैंने कभी लिखा था
कि बांसुरी में सांस नहीं बजती
बांस नहीं बजता
बजाने वाला बजता है
अब
जब-जब बजाता हूं बांसुरी
तो राग चाहे जो हो
उसमें थोड़ों की भूख
और बांसों का रोना भी सुनायी देता है
-Naresh Saxena

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




