कविता - पुन्य....
जो लोग बेचारे गरीब दुखी
भीखमंगे पड़े हैं
न पैर में जूते चप्पल फटे हाल
सड़क पर खड़े हैं
अगर कोइ उनके पास जा कर
उन का जीवन स्तर बनाएगा
ये सारा संसार में सब से
ज्यादा वही पुण्य कमाएगा
ये सारा संसार में सब से
ज्यादा वही पुण्य कमाएगा.....