बगुला भगत- डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
छल प्रपंच रचते रचते,
षड्यंत्रकारी हो गए।
अंकी इंकी डंकी लाल
बगुला भगत हो गए।
करो हवन ,करो यज्ञ।
करो विधान, करो न्हवन।
मिलेगा पुण्य उन गरीबों को,
हेरा फेरी कर रुपया किया अपने खातों में।
संलिप्त हो भ्रष्टाचार में,
इंसानियत नहीं व्यवहार में।
बच्चों का भविष्य उजाड़ रहे,
फर्जी प्रमाण पत्र बांट रहे।
बात-बात पर झूठ बोलकर,
ईमानदारी का बिल्ला लगाए रहे।
एक-एक पाई जोड़ी,
उन गरीबों ने।
छीन झपट कर,
अपनी कार सजाय रहे।