प्रकृति का सुंदर रूप इस धरा का ,
आंचल जिसका नीला आकाश l
पर्वत जिसका ऊंचा मस्तक ले
उस पर चांद सूरज की बिंदियो का ताज ,
नदियों - झरनों से झलकता है यौवन l
सतरंगी पुष्प- लताओं ने किया श्रृंगार,
खेत खलिहानों में लहलहाती फसले l
बिख राती मंद- मंद मुस्कानll
हां यही तो है प्रकृति 🌱
इस प्रकृति स्वच्छंद स्वरूप,
प्रफुल्लित जीवन का निष्छल् है सार
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सुमन गुप्ता
(स०अ०) पाली,ज्ञानपुर भदोही उ प्र