बच्चे स्कूल चले
डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
बच्चे स्कूल चले
सुबह की सुनहरी किरणें आईं,
चिड़ियों ने मीठे गीत सुनाए।
बस्ता संभाले, नींदें त्यागे,
देखो बच्चे स्कूल चले।
छोटी-छोटी आँखों में सपने,
नए ज्ञान के हैं ये दीवाने।
कदम बढ़ाते, हँसते गाते,
देखो बच्चे स्कूल चले।
रंग-बिरंगी पुस्तकों का भार,
मन में उत्सुकता का संचार।
सीखने की है लगन सच्ची,
देखो बच्चे स्कूल चले।
गुरुजी का आदर मन में धारे,
मित्रों से मिलने को प्यारे।
ज्ञान के मंदिर की ओर देखो,
देखो बच्चे स्कूल चले।
कभी दौड़ते, कभी थमते,
राहों में मस्ती करते।
जीवन की पहली पाठशाला,
देखो बच्चे स्कूल चले।
माँ की ममता, पिता का स्नेह,
साथ है उनके बनकर छाँह।
उज्जवल भविष्य की आशा लिए,
देखो बच्चे स्कूल चले।