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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

रहमतों से भरी दास्तान

रहमतों से भरी दास्तान
दास्ताने ज़िन्दगी कुछ ऐसी थी,
जब यादों के पन्ने पलटकर देखे,
तो हर पन्ना रहमतों से भरा मिला।
एक भी पन्ने पर हमारी तस्वीर नहीं थी,
पर हर शब्द शुक्रगुज़ार था उस यकीन का
जो दिखता नहीं था,पर हर पल हमारे साथ था।

हम हर मोड़ पर बेफिक्र रहे,
क्योंकि कोई गुरु बन,माता-पिता बन, सखा बन हमें थामे हुए था।

भावनाएँ,समुद्र की लहरों से भी ऊँची थीं।
ना होता उनका साथ,तो हम कब के उनमें बह गए होते।
जीवन के संघर्ष आँधियों सा तूफ़ान लेकर आए,
ना होता उनका साथ,तो हम कब के बिखर गए होते।

मेरा ‘मैं’ तो कहीं था ही नहीं।
क्योंकि हम में इतना सामर्थ्य ही नहीं था
कि ज़िन्दगी के फलसफ़ों को ख़ुद सम्भाल पाते।
हम बेफिक्र थे…क्योंकि हमारे यकीन पर हमें यकीन था।
वन्दना सूद


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

दिनेश हरजाई said

अति सुन्दर

वन्दना सूद replied

🙏😊

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

जिसे ऊपर वाले पे यक़ीन होता है उसे ख़ुद पर यक़ीन होता है! ऐसे लोगों को "मैं" रूपी अहंकार से निजात मिल जाता है और फिर वे नेकी और अच्छाई का पुतला बन जाते हैं! ऐसे लोगों पे रहमतों की बारिश हमेशा होती ही रहती है! फिर सब कुछ वही होता है जो उनके लिए भला होता है! ऐसे लोगों का कोई बुरा कर ही नहीं सकता! ऐसे लोगों पर ख़ुदा या भगवान या विधाता जो कहें उनका साया होता है! यही ख़ुदी का फ़लसफ़ा है! अगर आप ख़ुद नेक और अच्छे हैं तो आपके साथ सब अच्छा ही होगा और आपके मोताबिक़ होगा! इसी पर इक़बाल का मशहूर शे'र है:- ख़ुदी को कर बुलन्द इतना कि हर तक़दीर से पहले! ख़ूदा बन्दे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है!!

वन्दना सूद replied

😊🙏🙏वाह sir आपने तो मजबूर कर दिया उपरवाले को कि हमारी पंक्तियाँ आकर पढ़ें 😊

उपदेश कुमार शाक्यावार said

वाह..लाजवाब

वन्दना सूद replied

🙏🙏

सरिता पाठक said

बहुत ही खूबसूरत गजल 👌, वंदना जी सादर प्रणाम 🙏

वन्दना सूद replied

🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह, वन्दना जी खूबसूरत भावों से भरी हृदयस्पर्शी कविता। वाकई जहां से अहंकार खतम होती हैं, ईश्वर की कृपा वहीं से शुरू होती है।👌👌🙏🌻

वन्दना सूद replied

जी बिल्कुल

श्रेयसी said

मेरा 'मैं' तो कहीं था हीं नहीं.... बहुत सटीक लाज़वाब रचना 🙏🙏

वन्दना सूद replied

🙏🙏😊

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