ठेले वाला भैय्या गली पर आया
खरबूजा तरबूजा दोनों उसने लाया
मैंने एक उस से खरबूजा लिया
बाद में जा कर फिर तरबूजा भी लिया
दोनों का मैंने पैसा उसे दिया
उसने भी हंस कर शुक्रिया किया
जब मैंने अपने घर पर आ कर
इधर उधर ढूंढ कर छुरी साथ में ला कर
तरबूजा खरबूजा दोनों को काटा
सब को दिया घर में सभी को बांटा
जब मिल कर घर में सभी ने खाया
हम सभी लोगों को बहुत आनन्द आया
हम सभी लोगों को बहुत आनन्द आया.......
----नेत्र प्रसाद गौतम