घर के आगे भैय्या आया ले कर ठेला
ठेले के ऊपर थे अमरूद और केला
उस प्यारे भैय्या को रुपए पैसे दिया
उस से फिर मैंने दो तीन केले लिया
इधर उधर कूड़े दान देख कर
केले के छिलके उसी में फेक कर
धीरे धीरे कर कर केला मैंने खाया
क्या बताऊं दोस्तों बड़ा आनन्द आया
क्या बताऊं दोस्तों बड़ा आनन्द आया.......
----नेत्र प्रसाद गौतम

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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