किया है प्यार तुझसे
कोई सौदा नहीं
कि तोल मोल के करूं
प्यार तुझे।
है यह रब का करम
कि मिला है प्यार तेरा मुझे।
तू प्यार करती है ।
पर दुनियां से डरती है ।
कोई बात नहीं बस इतना
इनायत कर दे।
कपकपाती होठों से अपनी तू
मेरा नाम सरेआम कर दे।
मैं आशिक़ ना कोई आवारा हूं ।
इश्क़ में तुझपे दिल हारा हूं ।
है ना बाज़ी ये मुहब्बत
इसमें ना जीत ना हार कोई।
जो उतर गया इस महासमर में
वो समझो बेड़ा पार हीं कर गया।
मुहब्बत की आसमानों पे अपना नाम
हीं कर गया।
हैं लाखों सितम इन राहों पर मुहब्वत के
पर सिर्फ़ चेहरा तुम्हारा नजर आता है।
और खुद ब खुद चल पड़तें हैं पांव मेरे
उस ओर जहां तू नजर आता है।
जहां तू नज़र आता है..
इस दिल को कुछ और नज़र नहीं आता है
इस जहां में......
सिर्फ़ तू हीं तू नज़र आता है..
सिर्फ़ तू हीं तू नज़र आता है...