और कितनी दूर तलक देखे।
अफ़सोस करे या घूम कर देखे।।
शाम होते ही सूरज छिप गया।
रात कटने का इंतजार कर देखे।।
सीखा था मगर याद कौन करे।
पीठ करने वाला पलट कर देखे।।
मुझको मालूम नही था 'उपदेश'।
भटकने वाले को रुक कर देखे।।
- उपदेश कुमार शाक्य वार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




