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कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

मेला ( दहेज़ प्रथा ) - अशोक कुमार पचौरी

आज मेला लगा था

चार लोग थे

फिर भी मेला लगा था

कोई आया था

चार बातें हुई थी

बातें नहीं थी शायद

न बात करने का मन था

किसी को खरीदना था

किसी को बेचना था

इतना पता था

वह दो व्यापारी ही थे

और मैं मैं नहीं था

मैं वह सामान ही था

मैं वहाँ बस खड़ा हुआ था

हर व्यापारी अड़ा हुआ था

कही सामान सजा था

कही बोली लगी थी

एक बार मैं सौदा हुआ था

दिल को मेरे गोली लगी थी

किसी ने पैसे फेंके

किसी ने उठा लिए थे

बात इतनी नहीं थी

दोनों खड़े हुए थे

और फिर गले लगे थे

मैं अभी स्तब्ध खड़ा था

किसने क्या खरीदा?

सामान वही पड़ा था

खरीदकर भी मुझको

आपने क्या पाया?

मैं अब भी उसका हूँ

जिसे आपने था पैसा चुकाया

वह खुस हैं मुझको बेचकर

पैसे मिले हैं

सामान भी अपना बाद बेचकर

पैसे दिए मुझको खरीदा

मेले मैं ही छोड़कर आया

यह कैसा सौदा था

यह कैसा मेला था

मेरे समझ न आया

पैसे गए सामान भी

ख|ली हाथ इंसान घर आया

इतना सब करने के बाद

घर से बेटी और दे आया

फिर भी खुस हैं दोनों

मेले से आकर

एक खुस सब पाकर

एक सब लुटाकर

आज मेला लगा था

चार लोग थे

फिर भी मेला लगा था

Originally posted at : https://www.amarujala.com/kavya/mere-alfaz/ashok-pachaury-mela-the-dowry-system




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

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वेदव्यास मिश्र said

अशोक कुमार पचौरी "आद्र" जी, अब लगा कि हमारी दोस्ती ऐसे ही नहीं है..क्या गजब का बड़प्पन है भाई साब आपमें !! इतने बड़े रचनाकार होने के बावजूद ज़रा सा भी एटीट्यूड नहीं है आपमें 🙏🙏 दहेज प्रथा पर आधारित ये कविता का केन्द्रीय भाव जानकर नतमस्तक हो गया !! पानी भिगोकर मारा है आपने इन नीच ,नराधाम और निर्लज्ज लोगों को ..अब तो दहेज प्रथा को शादी-ब्याह के खर्चीले सिस्टम को तत्कालिक अपराध की श्रेणी में रखना चाहिए !! इन देह भाव में जीने वालों के लिए कुछ तो कानून बनना चाहिए !! सचमुच, हिला दिया इस कविता ने मुझको 🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

प्रणाम आपकी स्नेह वर्षा के लिए 🙏🙏🙏🙏

Arpita pandey said

Bahut Sundar rachna hai Sach ko bya kar Rahi hai

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' replied

Aapka bahut bahut abhaar pratikriya ke liye wastav m samaj ka kadwa sach hai kendra tak pahuchne ke liye dhanywaad pranam sweekar karein🙏🙏

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