श्मशान में बेचा गया,
शरीर अपना।
सत्य का मार्ग चुना,
त्याग दिया सब कुछ अपना।
वरुणदेव प्रसन्न हुए,
दिया वरदान।
सारा कुछ वापस मिला,
धन्य हुआ महान।
सत्यवादी राजा,
हरिश्चंद्र कहलाए।
सबके लिए आदर्श,
बन गए प्रेरणा के साए।
कठिन से कठिन परिस्थिति में,
सत्य का साथ दिया।
धर्म का मार्ग दिखाया,
सबको प्रेरित किया।