मंज़िल की सोचकर निकले परेशान दिखे।
मोहब्बत में बहुत से मुकाम आसान दिखे।।
दिल को बहलाने का ज़रिया गुमसुम रहा।
खुले में सांस ली मिलनी वाले हैरान दिखे।।
रंग बदलने वाले दूर गये हकीकत जानकर।
प्यार करने वाले जज़्बाती आसमान दिखे।।
दिन की गर्मी से बेहाल दिल असमंजस में।
रात आने से पहले 'उपदेश' मेहरबान दिखे।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद