किसी ने मेरी अच्छाई का बहुत ग़लत
फायदा उठाया है,
ग़लती ख़ुद की और गुनाहगार मुझे
ठहराया है।
मीठी - मीठी बातें कर अपनी ओर किया मुझे,
फिर मेरा सब कुछ छीन फ़कीर मुझे बनाया है।
पहले बहुत अपनापन जताया उसने,
फिर अपना असली रंग दिखाया है।
तन्हा थे पर खुश थे प्यार के आदी ना थे,
तन्हाई मिटा फिर तन्हा कर
किसी ने प्यार को तरसाया है।
💐 रीना कुमारी प्रजापत 💐