कुछ दूर बाद मोड़ अवश्य आता
धैर्य के साथ रहे धैर्य रास्ता दिखता
जिन्दगी को सड़क की तरह समझे
टेढ़ी मेढ़ी होने वाबजूद मंज़िल पाता
मुस्कराकर चलते रहने में आनंद
संदेह में दौड़ने से खुद बेहतर पाता
आत्मविश्वास के साथ चलने का मजा
शक शिकायत से खुद को दूर पाता
साँस लेना जिंदा होने की निशानी
खुद को खुश रखने के तरीके बताता
अपनी जिन्दगी का उद्देश्य 'उपदेश'
इंतजार में सुख की अनुभूति पाता
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद