कर्मफल का मार्ग,
अहिंसा का गान।
महावीर भगवान,
जैन धर्म का मान।
ज्ञान का सागर,
करुणा का सागर।
जीवन का मार्ग,
दिखाया नगर-नगर।
तीर्थंकर महान,
जिनदत्त कहलाए।
सत्य और अहिंसा,
धर्म का आधार लाए।
तपस्या के रास्ते,
मोक्ष को पाया।
संसार के बंधन,
सबको तोड़ डाला।