कापीराइट गजल
नए साल में आज हमारी फिर उनसे मुलाकात हुई
जिन से अपनी कट्टी थी आज उन्हीं से बात हुई
आगाज हुआ कितना सुंदर इस नए साल में यारो
उनके संग अपनी भी कितनी प्यारी शुरूआत हुई
मुस्कान गजब की खेल रही थी होठों पर उन के
शिकवे अपने दूर हो गए जब उनसे मुलाकात हुई
खिलने लगा कमल दिल का, उन्हें देख कर यारो
कूक उठी फिर से कोयल प्यार की जब बरसात हुई
हाथ बढ़ा कर हमने उन को फिर से गले लगाया
रोम-रोम रोया अपना जब आंखों से बरसात हुई
काश कभी ना हो ऐसा फिर हम को पड़े बिछड़ना
मिल नहीं पाएंगे फिर से गर ऐसी कोई बात हुई
रिश्तों में हो गांठ अगर, दिल मिलते नहीं दुबारा
प्यार अगर पाना है यादव कर उनसे मुलाकात नई
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




