ग़म छुपाने का पहले भी चलन रहा होगा।
बनावटी मुस्कुराने का भी चलन रहा होगा।।
अंधेरे के काम अच्छे माने नही जाते होंगे।
प्यार करने में अंधेरे का सावन रहा होगा।।
अंधेरे पसन्द किसको इंतजार उजाले का।
घर के अन्दर दीपक का गुलशन रहा होगा।।
शाम होते ही लौटने लगते जीव अपने घर।
थक कर 'उपदेश' सोने का अमन रहा होगा।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद