हम उनसे वो हमसे दूर हुए जा रहे हैं
राब्ता दरम्याँ हमारे कम हुए जा रहे हैं
उनको है उम्मीद हमसे वफ़ा की और
ख़ुद हीं बेवफ़ाई मुझसे किए जा रहे हैं
ख़ुद में रहते हैं मसरूफ़ हर लम्हा मगर
मसरूफ़ियत का इल्ज़ाम मुझे दिए जा रहें हैं
क़रीब न थी मैं उनके मलाल था इसका उनको पर
तग़ाफ़ुल कर ख़ता अपनी अना में जिए जा रहें हैं

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




