कापीराइट गजल
अपनी प्यारी बहन रीना कुमारी प्रजापत को समर्पित एक गजल -
आज तुम्हें खुश करने को झोली भर खुशियां लाया हूं
हर एक गम और तन्हाई को अब दूर भगाने आया हूं
क्या तुम मेरे साथ चलोगे इस गुलशन और बहारों में
इन प्यारी प्यारी कलियों से ये दिल बहलाने आया हूं
हमने बिछाया राह में तेरी यह फूलों का संसार नया
मैं सूरज की किरणों के संग एक नया सवेरा लाया हूं
यह गम तेरे हो जाएं मेरे हर खुशी मेरी हो जाए तेरी
गम कोई कभी तेरे पास न आए मैं नए तराने लाया हूं
कोई उदासी कोई तन्हाई ना आए कभी इस जीवन में
तुझे सारे जहां का प्यार मिले ये आस बंधाने आया हूं
ये धरती तेरी ये अम्बर तेरा तुझको सारा संसार मिले
यादव हाजिर खुशियां लेके खुश तुमको करने आया हूं
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है