तुझसे दूर होने का कभी सोचा भी था
पर दुनिया की चाहतों ने हमें तुमसे दूर कर दिया
तुम्हारे फ़ोन का रोज़ इंतज़ार हुआ करता था
पर दुनिया के शिकवो ने हमारी बातों को ही ख़त्म करवा दिया
तुझसे अपने दिल की हर बात किया करते थे
पर दुनिया की जलन ने हम दोनों को पराया ही बना दिया
कमाल तो यह है कि
जिन लोगों का सोच कर हम दोनों बदल गए
वो हमें आज तक न समझ पाए
और न हमें अपना पाए
हम शतरंज के खेल में बिना खेले ही हारते रहे..
वन्दना सूद