तुझे चाहा बहुत मगर अब खोने का डर जाना।
खुद बेघर हो गया अब तुझको क्या बताना।।
कोई बात अब भी हो अगर तो बताने आना।
ठिकाना पीपल के पेड़ के नीचे भूल मत जाना।।
दिल में घर बनाना तुझे आगे न मिलेगा 'उपदेश'।
फिर भी ज़रूरत लगे तो कहना भूल मत जाना।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद