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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

तुम भी मुझे प्यार कर लेना

मैं जैसा भी हूँ मुझे वैसा स्वीकार कर लेना,
थोड़ा सा सही तुम भी मुझे प्यार कर लेना।

जाने अनजाने कभी, होती है जब मुलाकात,
कह पाता नहीं ज़बाँ से अपने दिल की बात,
तुम समझती हो, तुम ही इजहार कर लेना,
थोड़ा सा सही तुम भी मुझे प्यार कर लेना।

तुम ही हो मेरी पहली पसंद मेरे बचपन से,
सदा तुम्हें चाहा है पूरे दिल, सच्चे मन से,
मैंने किया, थोड़ा तुम भी इंतजार कर लेना,
थोड़ा सा सही तुम भी मुझे प्यार कर लेना।

है चाहत देखूँ तुम्हें अपनी दुल्हन के रूप में,
स्वप्नों, कल्पनाओं में देखता उस स्वरूप में,
तुम भी मन से एक बार वो श्रृंगार कर लेना,
थोड़ा सा सही तुम भी मुझे प्यार कर लेना।

मैं जैसा भी हूँ मुझे वैसा स्वीकार कर लेना,
थोड़ा सा सही तुम भी मुझे प्यार कर लेना।
🖊️सुभाष कुमार यादव




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

शिवचरण दास said

वाह. .आप जैसे भी अच्छे हैं

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद दास सर।🙏🙏

उपदेश कुमार शाक्यावार said

बहुत खूब

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद उपदेश सर।🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

Aap jaise bhi bahut acche...apne jazbaton ko bahut hi khubsurati se baya kiya apne.... waise unhone kiya ya nhi kiya intezaar

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद रीना जी।🙏🙏

श्रेयसी said

वाह वाह बहुत सुंदर रचना 🙏🙏

सुभाष कुमार यादव replied

बहुत-बहुत धन्यवाद श्रेयसी जी।🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह, सुभाष जी, खूबसूरत रचना। प्रेम के अनगिनत पहलुओं में से एक ये भी है कि नायक नायिका से अपनी मनोभाव को प्रकट नहीं कर सकता, इसलिए वह नायिका को ही अपनी दिल की बात कहने के लिए निवेदन करता है कि मैं इजहार नहीं कर सकता तो मेरे शब्दों को तुम कह देना। वाह, यही तो आपकी लेखन कला है। नमस्कार!!

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद समदिल सर। कविता के प्रति आपकी समझ और समीक्षा कला उत्कृष्ट है। ऐसे ही सदैव मार्गदर्शन एवं उत्साहवर्धन करते रहिएगा। सादर नमस्कार।🙏🙏

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

वाह! क्या भावपूर्ण अभिव्यक्ति —
हर पंक्ति में सच्चे प्रेम की मासूमियत और दिल की गहराई झलक रही है, दिल को छू गया! ❤️✨
आदरणीय को सादर प्रणाम

सुभाष कुमार यादव replied

सादर प्रणाम पचौरी सर।🙏🙏

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