कापीराइट गजल
खामोश हैं ये लब मेरे
खामोश हैं मेरे ये लब तुम्हारे जाने पर
क्या होगा कोई असर, इस जमाने पर
आप के साथ ये जहां लगता था हंसी
रह गए हैं हम अकेले तुम्हारे जाने पर
खामोशी की चादर औढ़के बैठे हैं हम
समझ न आया कुछ भी, समझाने पर
मोल जाना हमने यूं आप को खो कर
गमगीन है मेरा दिल आपके जाने पर
शोर कर रही हैं, रह-रह कर ये हवाएं
कहती हैं बहुत कुछ, तुम्हारे जाने पर
जिन्दा रहकर भी ये गम सहना होगा
गुजर जाएगा अंधेरा सुबहा आने पर
जाना है सब को, एक दिन तो यादव
यूं, खामोश है क्यूं, इस अफसाने पर
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




