आज सुबह सवेरे टहलने निकले
ऐसा दिखा कुछ
वो ख्वाब था या हक़ीक़त
न आँखों को यक़ीन आया
न आज के वक़्त पर यक़ीन आया
पर दिल था कि दुआएँ दिए जा रहा था🌺✍️
एक माँ जिसकी उँगली पकड़कर कभी उसका बच्चा चलना सीखा होगा
उसी बच्चे का हाथ अपनी वृद्ध माँ के लिए आज उँगली बन उन्हें घुमा रहा था
आजकल जहाँ लड़के लड़कियाँ ,पति पत्नी ही हाथ में हाथ डाले घुमा करते हैं
वहीं माँ अपने बेटे की बगल में हाथ डाल धीरे धीरे चलती हुई सैर कर रही थी 🌼✍️
दो पल के लिए मन में एक सोच आयी
इसकी माँ बहुत क़िस्मत वाली है
फिर दिल ने कहा नहीं
ये बच्चा किस्मत वाला है
जिसका भविष्य अब भगवान नहीं
उसकी माँ की दुआओं से लिखा जाएगा ❤️✍️
वन्दना सूद