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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

आजादी ऐसे ही ना मिली - अशोक सुथार

आई कंपनी करने व्यापार,
समय समय निकलता गया
करने लगी अत्याचार,

गुलाम बनाया भारत को किया अपना प्रचार,
बंदोबस्त व्यवस्था का होना पड़ा शिकार।

राजस्व की दर कर दी दुगना
किसानों को पड़ता भोगना,
किसानों ने दिया एक बड़ा धरना
ईस्ट इंडिया कंपनी से करने लगी धृणा,

खेती करना कोई आसान नहीं,
क्यों करें जब अपना दान नहीं,
ना रहा वह अभियान ,
खो बैठे अपना सम्मान ।

अदा नहीं किया कर तो देनी पड़ी जान,
क्यों व्यर्थ जाए भारतीय किसानों का बलिदान,
क्यों नहीं कहलाये वह अन्नदाता
क्यों नहीं कहलाई वह महान।

कहां तक सहते अपना अपमान,
लूट ले गए उनका सामान ,
किसानों को कम मत मान
उसके कठिन प्रयासों को जान
जिसके कारण करते हैं भोजन पान

यह क्रांति के परिणाम स्वरुप गए जेल ,
कोई भी मकसद हुआ ना उनका फैल ,
रहा वह वर्षों घर से दूर ,ना लौटा कभी अपने पूर।

पूर की अभिलाष को हृदय में सझोया ,
घर की याद में वह भी रोया कैसे कहा कब सोया ,

जग आया आजादी का
सब खोया अधिकार पाया,
अब अंग्रेजों को दी गई विदाई
घर-घर पहुंची मिठाई

किसानों को मैं कहता महान,
उसकी प्रचंड आग को सब लेंगे जान ,
उसको अन्नदाता मान ,
तभी बना देश महान

----अशोक सुथार




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (5)

+

डॉ कृतिका सिंह said

किसानों के समर्पण को कोई नहीं समझ पाता आपने बहुत बेहतर समझाया 👏👏

Vineet Garg said

किसानों का गुलामी से लेकर आजादी तक का सफर बहुत अच्छे से समझाया आपने

Raghav said

Bahut Khoob Laazwaab!!!!!!!

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

दिल को Takkk se Touch kar diya shriman हृदय स्पर्शी रचना

वन्दना सूद said

बहुत सही फरमाया आपने 👌👌

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