मोहब्बत खुलके करिये,
कि चाहत खुलके करिये !!
आज नहीं कल परसों करिये,
परसों नहीं तो नरसों करिये !!
नरसों नहीं तो खरसों करिये,
खरसों नहीं तो सरसों करिये !!
जिन्दा रहे तो बरसों करिये,
लव यू नहीं तो कुछ तो कहिये !!
आठों पहर हर पल ही करिये,
कोई न हो तो खुद से करिये !!
ग़म आये तो ग़म ही सही,
खुशी आये तो और क्या कहिये !!
चाँद दिखे तो चाँद से करिये,
तारे दिखे तो तारों से करिये !!
काँटे मिले तो काँटों से करिये,
फूल मिले तो और क्या कहिये !!
मोहब्बत अब तो करिये,
कि चाहत खुल के करिये !!
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




