बेईमानी, धोखेबाजी, मक्कारी,
यह तीनों दलाल है भ्रष्टाचारी।
हैं स्वार्थी, धूर्त,कपटी,
बच्चों के भविष्य के शिकारी।
पैसों की खातिर,
नशे में चूर हैं।
अंकी, इंकी, डंकी लाल,
दूर-दूर तक मशहूर है।
भूल से भी कर दी शिकायत,
जीना कर देते दुश्वार।
आरोपों की फायलें है तैयार,
ईश्वर का देखो चमत्कार।
झांक रहे हैं बगलें,
कब हो जाए गिरफ्तार।
अफसर कड़क और है ईमानदार,
यह बोलता है हवलदार।
ऐशो आराम के लिए,
जो खरीदी थी लग्जरी कार ।
संपत्ति के साथ-साथ,
वह भी जब्त हो गई।
एक इशारे पर उसके,
काया ही पलट गई।