आनंद का सागर- डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात "
नाम जप, ध्यान, सेवा, यह है मार्ग,
तेरे चरणों में लगाने का।
हर पल तेरा स्मरण,
हर क्षण तेरा ध्यान।
तभी तो लगेगा मन,
तेरी भक्ति से मिलता है।
सुख, शांति, मन में बसता है आनंद का सागर। तेरी कृपा से मिलता है मोक्ष,
जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति।
हे प्रभु, तेरी शरण में आया हूँ मैं,
करुणा की दृष्टि से देख मुझे।
तेरी भक्ति में लीन रहूँ सदा,
तुझसे ही मिलती है मुझे शक्ति।