"ग़ज़ल"
अर्श से मुझे फ़र्श पर आया नहीं जाता!
उस का वो परी-चेहरा भुलाया नहीं जाता!!
मेरे लिए दिलों का भी मिलना है ज़रूरी!
दस्तूरन मुझ से हाथ मिलाया नहीं जाता!!
ग़मों की धूप से मुझ को बचाया था जिस ने!
यादों से तेरी ज़ुल्फ़ का साया नहीं जाता!!
वो दम-साज़ क्या गया मेरा साज़ ले गया!
उस के बिना गीत कोई गाया नहीं जाता!!
चार कंधों की ज़रूरत पड़ती है 'परवेज़'!
ख़ुद मय्यत से जनाज़ा उठाया नहीं जाता!!
- आलम-ए-ग़ज़ल परवेज़ अहमद
© Parvez Ahmad
The Meanings Of The Difficult Words:-
*अर्श = आसमान (sky); *फ़र्श = ज़मीन (earth); *परी-चेहरा = परी जैसा चेहरा (fairy-like face); *दस्तूरन = दस्तूर के मुताबिक़ या रिवाज के अनुसार (as per the custom or according to the tradition); *दम-साज़ = साथ गाने वाला या जिगरी दोस्त (a co-singer or an intimate friend); *साज़ = संगीत का उपकरण (musical instrument); *मय्यत = कफ़्नाई हुई लाश (a dead body); *जनाजा = अरथी (corpse).