आज फिर रात - रानी खुशबू बिखेरेगी,
आज फिर चाॅंद आसमाॅं में मुस्कुरायेगा।
आज फिर तारों की बारात होगी,
आज फिर वो मुझसे मिलने आयेगा।
आज फिर ये रात महकेगी,
आज फिर ये आसमाॅं गुनगुनायेगा।
आज फिर दसों दिशाएं गायेगी,
आज फिर वो मुझे अपना बनायेगा
आज फिर नफ़रत ख़ाक हो जायेगी,
आज फिर प्यार ही प्यार बरसेगा।
आज फिर रूह, रूह से मिलेगी,
आज फिर वो नया आग़ाज़ करेगा।
🖊️ रीना कुमारी प्रजापत 🖊️