रात से वार्तालाप करते हैं
प्यारी-प्यारी चाँद और चांदनी से बात करते हैं,
आज रात से वार्तालाप करते हैं।।
बहती ठंडी-ठंडी दर्द हवाओं से बात करते हैं,
लेकर कुछ आशाएं पूनम की चाँद को याद करते हैं।
आज रात से वार्तालाप करते हैं।।
चाँद-तारों की रोशनी में बैठ,
उसके बारे कुछ फरियाद करते हैं।
आज रात से वार्तालाप करते हैं।।
दिल में कुछ चाहत के अरमान लिए,
उनसे कुछ ख्वाब की बात करते हैं।
आज रात से वार्तालाप करते हैं।।
- सुप्रिया साहू