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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

फिल्मी गीत- आओ चल के तुझे

दोस्तो आज अपनी किसी रचना को पेश करने का मन नहीं है, ऐसा नहीं है कि रचना तैयार नहीं है, बल्कि इसलिए कि हमारी एक कवियत्री रीना कुमारी प्रजापत की मायूसी को दूर करने और उसे अपने जीवन में मिले गम, उदासी, तन्हाई और उपेक्षा को दूर करने के लिए किशोर दाॅ की आवाज में गाया गया यह पेश कर रहा हूं, आशा है कि रीना जी के साथ-साथ आपको भी पसन्द आएगा। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।


आ चल के तुझे, मैं ले के चलूँ
इक ऐसे गगन के तले
जहां ग़म भी न हो, आँसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
इक ऐसे गगन के तले

सूरज की पहली किरण से
आशा का सवेरा जागे
चंदा की किरण से धुल कर,
घनघोर अंधेरा भागे
कभी धूप खिले कभी छाँव मिले
लंबी सी डगर न खले
जहां ग़म भी न हो, आँसू भी न हों
बस प्यार ही प्यार पले।

जहां दूर नज़र दौड़ आए,
आज़ाद गगन लहराये
जहां रंग-बिरंगे पंछी, आशा का
संदेशा लाएं
सपनों में पली हस्ती हो कली
जहां शाम सुहानी ढले
जहां ग़म भी न हो, आँसू भी न हो ...

सपनों के ऐसे जहां में जहां प्यार हो प्यार खिला हो
हम जा के वहाँ खो जाएँ
शिकवा ना कोई गिला हो
कहीं बैर न हो कोई गैर न हो
सब मिल के चलते चलें
जहां गम भी न हो, आँसू भी न हो...


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

😃😃😃bahut sundar 👌 hum khush huye👍par aap ki rachna hoti to or acha hota

Lekhram Yadav replied

सबसे पहलू उस शायद को सलाम जिसने ये गीत लिखा, उसके बाद आपको सलाम कम से कम आपकी खामोशी तो टूटी। आज के बाद हम आपसे कुछ नहीं पूछेंगे मगर आपसे सम्पर्क बनाए रखेंगे। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

वन्दना सूद said

वाह sir 👏👏🙌🏻🙌🏻आपने तो दिल जीत लिया

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित नमस्कार वन्दना जी, किशोर दाॅ मेरे पसन्दीदा गीतकारों में से एक हैं मैं अक्सर उनके गाए गीत सुनता हूं और संगीत का आनन्द लेता हूं।

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Bahut sundar prastuti Yadav sir..shandaar prayas Adarneey Reena Mam ka man avashya hi anandit hua hoga...aapke is sarahneey kadam ke liye bahut bahut aabhaar...

Lekhram Yadav replied

धन्यवाद सहित सादर नमस्कार सर, लेकिन आपकी उपस्थिति दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है, आपका स्वास्थ्य तो ठीक है ना। मैं आपको जानबूझकर परेशान करने की कोशिश नहीं करता, परन्तु इस विषय में आप जरा सा ध्यान देने की कृपा कीजिए, आपका बहुत-बहुत हार्दिक धन्यवाद।

रीना कुमारी प्रजापत said

Main janati hu ki maine aapke bahut puchne par bhi kuch nhi bataya isliye apko dukh huaa hoga or apko bura lag raha hoga , please bura mat lagaiye...

Lekhram Yadav replied

सुप्रभात सहित सादर नमस्कार मेरी प्यारी बहना, जिन्दगी में आशा और निराशा के भाव मन में आते और जाते रहते हैं, हमें आपकी किसी बात से कभी भी बुरा नहीं लगा इसलिए इस बात को यहीं पर भुला दीजिए और जिस तरह हर रात के बाद सवेरा होता है उसी तरह एक नई शुरूआत कीजिए, आपको सदा खुश देखकर ही हम खुश रह सकते हैं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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