जैसे वो नहीं,वो चुनाव लड़ रहा था
उनके लिए वो प्रचार कर रहा था
घर-घर जाकर खूबियां बताया
तभी उनको अच्छे वोट से जिताया
जीत का हार जब उनके गले में पड़ गया
सबसे पहले उन्होंने उनको ही भुलाया।।
वादे जो उन्होंने जनता से किया था
एक भी वादा उनको नहीं याद है
सारे वादे अब वह भूल गए हैं
वो दो चार चेले अब पास रखे हैं
भूतपूर्व के दुश्मन आज मित्र हो गए
जो चुनाव के वक्त उनके विपरीत खड़े थे
जीत का हार जब उनके गले में पड़ गया
सबसे पहले उन्होंने हमको ही भुलाया।।
जो उनके सच्चे समर्थक बेचारे
उनके नहीं कभी अब जाते दुवारे
समर्थकों के जो कट्टर दुश्मन है
अब उनके घर जाकर पार्टी मनाएं
जीत का हार जब उनके गले में पड़ गया
सबसे पहले उन्होंने हमको ही भुलाया।।
होरी लाल

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




