तेरा नाम जैसे।।
तेरा नाम जैसे
हवा में घुला हो,
बिना कहे कोई
सुनता दुआ हो।
तेरी ख़ुशबू यूँ
रगों में बसी है,
जैसे तू नज़रों
से छू कर गया हो।
तेरी याद की बूँदें गिरती रहीं,
मैं ख़ामोश रहकर भी भीगता गया।
तेरे नाम से जो राग जुड़ा था,
वो हर साँस में फिर से जागता गया।
ना शिकवा किया, ना सब्र छूटा,
तेरी धुन में बस दिल डूबता गया।
तेरे बाद भी हर साज़ मेरे,
तेरे सुर में ही कुछ कहता गया।
ख़्वाबों की जो खिड़की खुली,
उससे तेरा उजाला गिरा।
नींदें आईं तो साथ तेरे,
हर सपना तेरा नाम भरा।
तेरा साया कुछ कहता रहा,
शबनम की तरह टपकता था।
जो भी था धुंधला सा कभी,
अब वो ही सबसे चमकता था।
तेरे जाने के बाद से,
ये फिज़ा भी अधूरी सी है।
हर साज़ तो है बजता हुआ,
पर धुन तेरी ज़रूरी सी है।
चुप हैं लम्हे, चुप है सबा,
इनमें इक बात तेरी बची।
जो तू कहता बिना कहे —
वो सदा अब भी दिल में सजी।
तेरा नाम जैसे
हवा में घुला हो,
बिना कहे कोई
सुनता दुआ हो।
तेरी ख़ुशबू यूँ
रगों में बसी है,
जैसे तू नज़रों
से छू कर गया हो।
- ललित दाधीच।।