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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

शिव सबके..... शिव के सब

इस पावन पवित्र सावन माह में परम् कृपालु भगवान शिव परम् धाम से धराधाम पर पधारे
सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड ने प्रभु का जलाभिषेक करके स्वागत किया l माँ गौरी की मनोकामना को पूर्ण करने का सटीक समय सावन माह ही रहा l
इसी माह में देवाधिदेव महादेव ने देव, नर, गन्धर्व, किन्नर, भूत, बैताल, पिशाच आदि को बारातीय संरक्षण प्रदान किया lऔर इन सभी को सम्पूर्ण जगत के समक्ष अपना बनाया l
प्रभु ने ब्रह्म लेख को समीक्षित करके, यम से तनातनी करके,भक्त मार्कण्डेय को मृत्यु पाश से मुक्त किया l सावन की महत्ता कल्पना से परे है, इसे आत्मिक शुद्धि का परम् माध्यम माना जाता है l
भगवान शिव स्वयं जल हैं, जिस प्रकार जल से जल मिलने पर इतराने लगता है वैसे ही प्रभु भक्ति भाव से चढ़ाए गए जल को पाकर इतराने लगते हैं l
भगवान भक्त वत्सल हैं प्राणी जो कुछ भी मनोभाव से अर्पित कर दे सब स्वीकार कर लेतें हैं l भगवान विष्णु ज़ब शयन अवस्था में चले जाते हैं तो सम्पूर्ण सृष्टि के संचालन का विशेष अधिकार भगवान शिव को ही प्राप्त होता है l भगवान शिव सम्पूर्ण सृष्टि को मनोवांछित फल प्रदान करने के लिए सदैव तत्पर रहतें हैं l
इस मास में भगवान शिव का रुद्राभिषेक विशेष फलकारक होता हैl भक्त जो कुछ भी अर्पित कर दे, सब स्वीकार होता है प्रभु को l यह कहना सर्वथा उचित होगा कि ' शिव सबके.... शिव के सब ''l
सावन की अपार महिमा को शब्द में पिरो पाना असम्भव सा है पर भक्तों की परम् श्रद्धा के आगे शिव निःशब्द हो जाते हैं मानो मौन धारण करके केवल वरद हस्त उठाते रहते हैं और भक्तो की मनोकामना पूर्ण करते रहते हैं l
-सिद्धार्थ गोरखपुरी




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (1)

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अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

वाह! हर पंक्ति जैसे भक्ति का गंगाजल हो — सावन की ठंडी फुहारों में डूबा यह वर्णन सीधे आत्मा को छू गया। हर शब्द जैसे शिवत्व को महसूस करा रहा हो! 🕉️🌿💧

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