धूप है तो बरसात भी होगी,
दिन है, फिर रात भी होगी,
उगता सूरज भी तो ढ़लता है।
समय का पहिया चलता है,
हर पल, हर क्षण बदलता है।
आशा, निराशा के द्वंद्व में,
जीवन के इस सुंदर छंद में,
सुख-दुख के गीत रचता है।
समय का पहिया चलता है,
हर पल, हर क्षण बदलता है।
मन में उठने लगे अहंकार,
स्वीकार करना खुद से हार,
गिरने वाला ही संभलता है।
समय का पहिया चलता है,
हर पल, हर क्षण बदलता है।
जीवन में हैं खुशी और गम,
शाश्वत संसार का ये नियम,
जो अपना है, वो बिछड़ता है।
समय का पहिया चलता है,
हर पल, हर क्षण बदलता है।
🖊️सुभाष कुमार यादव