संसार के जमींदार तो एक ही हैं जो सबके हृदय में ज्योत बन कर दिव्यमान हैं
हम हैं उनके खेतों के किसान जो अपने कर्मों के फलों से ही शोभायमान होते हैं
दो खाते चलते हैं प्रभु आपके उद्धार और उधार
उद्धार के योग्य नहीं तो प्रभु उधार दे दीजिए
ब्याज में हमारी हर सांस में अपना सिमरन लिख दीजिए॥
वन्दना सूद
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




