मेरे अंगना पधारो मोरी माता जी
मैं तो दुलार करूंगी मोरी माता जी
मेरे अंगना....
लाल चुंदड़ी में शोभा तेरी न्यारी है
जग मे तूं ही एक निराली है
वारी जाऊं,बारंबार मोरी माता जी
मेरे अंगना....
ममता की छांव में हमें जीना है
स्नेह भक्ति में डूबे रहना है
मैं तो ध्यान धरूं मोरी माता जी
मेरे अंगना...
दरबार तेरा ही ठिकाना है
तेरा ही एक सहारा है
तूं है जग पालन हार मोरी माता जी
मेरे अंगना.....
आरती की ज्योति जलाई हैं
मैंने तो पकड़ी तोरी कलाई है
अब मारे,तारे..तूं मोरी माता जी
मेरे अंगना....
नमन करूं मैं शिश नमायें
सेवा पूजा के भाव के मारे
मोक्ष अब दे... दे... मोरी माता जी
मेरे अंगना........