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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

यथार्थ से परमार्थ तक का सफ़र

यथार्थ से परमार्थ का सफ़र
महाभारत के युद्ध के दौरान भीष्म पितामह लम्बे समय तक तीरों पर लेटे रहे क्योंकि उन्हें अपनी इच्छा शक्ति से मृत्यु पाने का वरदान था परन्तु हम इसका केवल यही पहलू देखते हैं ।
प्रत्येक ग्रन्थ के प्रत्येक श्लोक में कुछ गहराई छुपी होती है परन्तु हम उनका अर्थ निकाल
कर उनकी गहराई को समझने की कोशिश भी नहीं करते ।यदि उनके सही अर्थ को समझ पाते तो अपने जीवन को सही दिशा में ले जाना आसान होता ।
इच्छा शक्ति एक साधारण शब्द नहीं है भीष्म पितामह का इच्छा मृत्यु वरदान हमें एक सीख देता है कि जो अपनी इच्छा शक्ति को मज़बूत कर लेता है उसे मृत्यु भी उसकी इच्छा के बिना नहीं ले जा सकती ।यदि अपने सोचे हुए काम को(यथार्थ) पूर्णता(परमार्थ)तक ले जाना है तो इच्छा शक्ति को ही प्रबल करना होगा ।
वन्दना सूद




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (1)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Very meaningful and full of information and knowledge bilkul sach kaha mam

वन्दना सूद replied

शुक्रिया भाई जी 🙏🙏😊

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