बघेलखण्ड और पिछड़ा विकास - तेजप्रकाश
मध्य प्रदेश बजट 2024-25 का स्वागत है, निश्चय ही यह विकास के नूतन मार्गों को खोलने वाला है और ऐसी ही वर्तमान सरकार से अपेक्षा की जा रही है , मध्य प्रदेश के लिए ह्दय प्रदेश कहा जाता है अकेले मध्य प्रदेश के भौगोलिक सांस्कृतिक विविधता से भारत की विविधता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है ,बघेलखंड, बुंदेलखंड, विंध्य श्रेणी, विंध्य कगार, भांडेर या रीवा पन्ना का पठार नर्मदा घाटी , सतपुड़ा घाटी , मालवा पठार, मध्यभारत का पठार, मोटे तौर पर इतने क्षेत्रीय प्रभाग तो है ही जनजातीय वैविध्य है भीमबैठका और बघेलखंड के पूर्व में पर्याप्त विविधता देखी जा सकती है l
इनमे से अधिकांश प्रभाग प्रायद्वीपीय भारत का भाग रहे हैं ,जिसके चलते ग्रेनाएट आर्चीयन नीस आदि चट्टान पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है , साथ ही चूना पत्थर बलुआ पत्थर आदि सीमेन्ट जैसे औद्योगिक विकास को बढ़ावा देती है , हीरा, लोहा, बाक्साएट , आदि खानिज है l
परंतू इसके कई भाग उदाहरण के लिए बुंदेलखंड ,बघेलखंड आदि विकास की दौड़ में पीछे छूट जाते हैं , हालाकी सरकारी बजट या सरकारी नीतियों में क्षेत्र आधारित विकास योजनाएं कभी नहीं रही , यदि इसमें सोचा जाए तो प्रभागो की चुनौतियाँ और क्षमता , विशेताओ के आधार पर विकास परियोजनाएं बनाई जा सकती हैं . परंतू, इसमें भी एक यथार्थ विचारणीय है कहीं ऐसा न हो कि सबकी अपनी वीन सबकी अपनी तान बाजने लग जाये , वैसे भी बुंदेलखंड और बघेलखंड के कुछ इलाकों में अलग क्षेत्र को लेकर बज ही रही है l
मध्यप्रदेश नदियों का मायका है , बेहतर होगा अगर नदी जोडो परियोजनाएं , या नदी यातायात, जल विद्युत परियोजना पर काम किया जाए , और क्षेत्रो के विकास हेतु कुछ क्षेत्रिय विकास परियोजना बनाई जाए ,क्यूकी उत्पादन क्षमता और वैविध्य तो है , हम सबका विकास समान नीतियो से सायद ही कर सके कृषि , खनन , पर्याप्त नदियो के चलते मत्स्यन आदि सम्भावनाये है परंतु क्षेत्रिय चुनौतियों के साथ, साथ ही पर्याप्त सड़क परियोजनाएं क्षेत्रो को आपस में जोडा जाए ताकी ये साझा विकास कर सके सरकार ने लोक निर्माण कार्य 024 के तहत यह काम भी किया है .परंतू आगे क्षेत्रिय विकास के मुद्दे बन जाये इससे बेहतर हम विचार करें और इनकी समस्याएं इनकी क्षमता पर काम करे ये विकास की असीम सम्भावना भी रखते हैं हम छत्तीसगढ़ जैसी भूल नहीं कर सकते अलगाववाद तो विकास का मार्ग नहीं है - तेज प्रकाश पांडे

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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